सपने अभी काफी है............./

आज कुछ ऐसा हुआ,
जैसे किसी ने मेरे अंतर्मन  को छुआ,
आई एक ठंडी बयार,
मन को दे गयी खुमार.
कल्पना की ऊँची  उड़ान,
छूने लगी क्षितिज आसमान.
मन को लगा मंजिल यही है,
जिंदगी  की खुशिया  यही से जुडी है.
सारे सपने उसी के आने लगे,
अंतर्मन  के तरंगो पर छाने लगे.
हवाओ  में  उसी की खुशबू है,
खिली-खिली धूप पर भी उसी का जादू है.
ऊफ ये कैसी तूफान,
जिसमे सब  ख़त्म करने की उफान.
नहीं ये तो  एक मंजर है, 
जो देता अपना होने का वहम है.
कहा यहाँ अपना है कोई,
जिसकी तलाश में पूरी रात ना सोई.
सफ़र तो अभी बाकी है,
सपने  अभी काफी है............./









टिप्पणियाँ

  1. हमने सपने संजोये रखे हैं,
    जब कभी कोई अपना होगा
    तो सपनो को हम सवारेंगे
    और साथ देगा वो अपना
    तो सपनों को निखारेंगे.
    पर हम उन सपनो का क्या करे
    जो सच की बुनियाद पे बने हैं
    जिनका पूरा होना ही
    मेरे सपनो का खत्म होना हैं.
    अब सपने आते ही नहीं
    और हम उन्हें संजोते ही नहीं.

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  2. hello SUD
    Life her wakt sapane banaoo//
    sapane bigate hai to fir //
    un bigade huye lamho nikalane ke liye banaoo//
    sapno se takat milati chalane ke liye //
    jivan ko jivant rakhane ke liye///

    जवाब देंहटाएं

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