ये ज़िन्दगी गले लगा जा ......

हर पल ..हर लम्हे में है जिन्दगी... ऐसा सुना है, ...और देखा भी है .. पर  ये ज़िन्दगी है क्या? क्या सांसो का लेना और जिन्दा रहना जिन्दगी है .. तो फिर आपने क्या नया कर लिया ये तो सबने सुना और देखा ही है ...
आप सोचो और खुद से पूछो!
" जिन्दगी मात्र सांसो को लेना या जिन्दा रहना नहीं बल्कि जिन्दगी यानि "आप".
आपका हँसना  -रोना,   इच्छा - चाहत, सोच - विश्वास, कर्म- अपेक्षा, आपके   मनोभाव, सुख- दुःख का एहसास, सब से मिल कर बनती है जिन्दगी. और ये जिन्दगी मात्र आपकी होती है .. किसी और से न बनती है और न ही बिगड़ सकती है..ये  आपके साथ हर हाल में रहती है , आप किसी भी हालात या हालत में हो आपकी जिन्दगी सदैव आपके साथ रहती है . .और आपका सदैव साथ देती है..
जो चीज उसे दोंगे ठीक वैसा ही दुगना कर  आपको वापस करेगी ..
अब आप के उपर है उसका साथ कैसे लेते है...और उसे अपना साथ कैसे देते है..
सकारात्मक .. हसते ..गुनगुनाते ..और विश्वास के साथ
या
फिर किसी और तरह ..

गुनगुनाओ एक बार मुस्करा के
ये जिन्दगी गले लगा ले  ...$ $ $ $ $ 

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