इमोशन एक खुबसूरत एहसास
ये ब्लॉग उन लोगो के लिए है जो इमोशोन में विश्वाश रखते है/ ये सत्य है इंसान में इमोशन एक ऐसा भाव है जो उसे सुख और दुःख का अनुभूति देकर जीवन के महत्वपूर्ण होने का एहसास कराता है / पर आज भौतिकवादी दौर में अक्सर लोग इमोशोन को ख़त्म करने कि सलाह देते है कि ना रहेगा इमोशोन ना रहेगा सुख - दुःख /
पर लोग कितना ही कोशिश कर ले जब तक इंसान है और जब तक ये श्रिष्टि है तब तक किसी ना किसी रूप में इमोशन रहेगा ही/और फिर क्यों ना हो बिना इमोशोन के जीवन का रूप ही क्या जिसमे सुख-दुःख , प्यार- बियोग, गुस्सा - शांति, ख़ुशी - आश्चर्य ना हो! इस यही तो इमोशोन के रंग है जो जीवन को रंगीनिया देकर खुबसूरत बनाते है, जीवन का एहसास देते है.ये तो बात रही इमोशोन की और ये ब्लॉग उन लोगो के लिए है जो इमोशोन में विश्वाश रखते है, पर कभी ना कभी उन्हें ऐसा लगता है कि उनके इमोशनल होने के कारन उन्हें इस प्रोफेशनल दुनिया में अक्सर ज्यादा दुःख मिलता है. और वो ये सोचने पर मजबूर हो जाते है कि क्या उनका इमोशनल होना उनके स्वयं के लिए अच्छा नहीं है.
नहीं ये बिल्कुल सत्य नहीं है, बल्कि सत्य ये है कि लोग आपनी अवसरवादिता को छुपाने के लिए आपके इमोशोनल होने को गलत बताते है. इसलिए जरुरी है कि हम इमोशोनल लोग आपने आपको न बदले बल्कि उन्हें उनका चेहरा दिखाए कि वो आपनी अवसरवादिता के कारन इस समाज और ईश्वर प्रदद्त इस खुबसूरत एहसास को ख़त्म करना चाहते है। जबकि इमोशन वो एहसास है जो न केवल इंसान को इंसान से जोड़ता है बल्कि इस धरती को प्रभु कि सबसे खुबसूरत इनायत होने का एहसास देता है / ये ब्लॉग उन सभी लोगो के लिए समर्पित है जो इमोशोन पर अत्याचार का पुरजोर विरोध करते है।
नोट - आप अपने इमोशन का कभी भी किसी को दुरूपयोग का अधिकार ना करने दे .
पर लोग कितना ही कोशिश कर ले जब तक इंसान है और जब तक ये श्रिष्टि है तब तक किसी ना किसी रूप में इमोशन रहेगा ही/और फिर क्यों ना हो बिना इमोशोन के जीवन का रूप ही क्या जिसमे सुख-दुःख , प्यार- बियोग, गुस्सा - शांति, ख़ुशी - आश्चर्य ना हो! इस यही तो इमोशोन के रंग है जो जीवन को रंगीनिया देकर खुबसूरत बनाते है, जीवन का एहसास देते है.ये तो बात रही इमोशोन की और ये ब्लॉग उन लोगो के लिए है जो इमोशोन में विश्वाश रखते है, पर कभी ना कभी उन्हें ऐसा लगता है कि उनके इमोशनल होने के कारन उन्हें इस प्रोफेशनल दुनिया में अक्सर ज्यादा दुःख मिलता है. और वो ये सोचने पर मजबूर हो जाते है कि क्या उनका इमोशनल होना उनके स्वयं के लिए अच्छा नहीं है.
नहीं ये बिल्कुल सत्य नहीं है, बल्कि सत्य ये है कि लोग आपनी अवसरवादिता को छुपाने के लिए आपके इमोशोनल होने को गलत बताते है. इसलिए जरुरी है कि हम इमोशोनल लोग आपने आपको न बदले बल्कि उन्हें उनका चेहरा दिखाए कि वो आपनी अवसरवादिता के कारन इस समाज और ईश्वर प्रदद्त इस खुबसूरत एहसास को ख़त्म करना चाहते है। जबकि इमोशन वो एहसास है जो न केवल इंसान को इंसान से जोड़ता है बल्कि इस धरती को प्रभु कि सबसे खुबसूरत इनायत होने का एहसास देता है / ये ब्लॉग उन सभी लोगो के लिए समर्पित है जो इमोशोन पर अत्याचार का पुरजोर विरोध करते है।
नोट - आप अपने इमोशन का कभी भी किसी को दुरूपयोग का अधिकार ना करने दे .
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