आप औरो से बहुत अलग हो !!!

आप से बात करने में थोरा डर लग रहा था क्यों कि आप औरो जैसी नहीं हो  !
आप बहुत ही इंटेलिजेंट  और स्ट्रिक्ट  दिखाती हो  !!
रिप्लाय- कोई बात नहीं आप बात कर सकते है बताये क्या बात है ?

देखा आप बहुत ही समझदार और सहज है !
आप ब्रेन विथ ब्यूटी हो जो आज के वक्त बमुश्किल से मिलते है!
रिप्लाय - जी

आजकल की लड़किया तो ऐसी है जो काम कम और बेकार की मौज परस्ती में ज्यदा है !
उन्हें तो काम से कोई मतलब नहीं बस किसी तरह पैसे बन जाये !
फैशन पर ना जाने कितना टाइम देती है !

रिप्लाय -  जी
ठीक है तो मैम आप बताये की मै आपसे कब मिल सकता हू !
रिप्लाय - किस लिए ?
आप से मिल कर मुझे बहुत अच्छा लगा ! आपसे मिल कर जो मुझे ख़ुशी  मिली  उसे मै बाया नहीं कर सकता ! आप बस एक मौका दे हम साथ में बैठकर डिनर  नहीं तो लंच तो ले ही सकते है ! आपके ५ मिनट के लिए मै कुछ भी कर सकता हू ! आपसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा !

आप चाहे तो आप के लिए मै आपका शोपिंग  में भी साथ दे सकता हू !
आप को जो पसंद आये वो ले भी लेना !
रिप्लाय - जी  !

आगे तो हम मिल कर बड़े काम भी करेंगे!
मेरी कंपनी को आप जैसे इमानदार और मेहनती लोगो की जरुरत है !
आप चाहे तो अपना शेयर  भी फिक्स कर लेना !
हम मिल कर आगे बहुत  अच्छा कर सकते है !
रिप्लाय - हा वो तो है ! पर ये सब  क्यों ?

आप बस अपना कुछ कीमती वक्त हमारे लिए बचा के रखे ! !!!
बस इतनी ही ख्वाहिश  है !
आप बस एक बार हा कर दे देखिये आप के लिए मै क्या करता हू !!!
क्यों कि आप औरो से बहुत अलग हो !!!

टिप्पणियाँ

  1. औरो से बहुत अलग हो

    sachmuch sabse alag post hai

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  2. एक बात समझ नहीं आती है की बाहर काम करने वाली हर स्मार्ट और खुबसूरत महिला के लिए ये क्यों मान लिया जाता है की वो कैरियर के प्रति बहुत महत्वाकांक्षी होगी और उसके लिए कुछ भी कर सकती है सो वो हर उच्चे पड़ पर बैठे किसी पुरुष के लिए एवलेबल होगी | बिल्कूल सही लिखा ऐसे ही लिखते रहिये |

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  3. यह पोस्त भी औरों से बिलकुल अलग है

    जवाब देंहटाएं
  4. Vineeta ji, bahut achha likha hai, itna saahas har kisi ki kalam nahi kar pati. In haalat ke liye bahut kuchh hamare aapke beech kaam karne wale log hi zimeddar bhi hain jo aage badhne ke liye sab kuchh karne ko tayyar rahti hain, aise logon ko kabhi khud se poochhna chahiye ki agar yahi karna tha to itne padhne likhne ki jarurat kya thi, paisa to bina padhe likhe bhi bahut kamaya ja sakta hai....Vo log sonchen aur apne ko badlne ki koshish karen kyonki tabhi bhediye dusron se kahte hain ki aap sab se alag ho.

    जवाब देंहटाएं
  5. धन्यवाद तारकेश्वर जी!
    अक्सर हमारे आस पास ऐसी घटनाये दुहराई जाती है!
    और ये घटनाये मुझे हमेशा प्रोत्साहित करती है कुछ लिखने के लिए! !

    जवाब देंहटाएं
  6. मोनिका जी आपके कमेन्ट के लिए धन्यवाद!
    ये साहस नहीं है और ये घटना भी किसी व्यक्ति विशेष की नहीं है!
    ये आज हर लड़की के साथ होता है जब वो बहार निकल अपनी दुनिया बनाने की कोशिश करती है !
    अक्सर पुरुष प्रधान समाज में स्त्री का बाहर निकलना उसके कार्य उद्देश्य के लिए नहीं प्रोत्साहित किया जाता बल्कि उसे बरगलाया जाता है वो बाहर भी अपनी दुनिया ना बना सके!

    जवाब देंहटाएं
  7. vinita ji

    bahut acha likha hai..........u tried u r best to put human mentality...aur dekha gaya hai ki aisa jab hi kaha jata jab koi vayakti kisi rishte ki suruwat karna chahta hai.......and once it started u will b no more different.....than u will be same lyk others and some one else seems different to him....

    aur sachaiye ye hai ki we all are same jo ek matra antar hai vo bus vicharon ka hai

    जवाब देंहटाएं
  8. superb!!!!! though i am very weak in hindi but this is your innovative creation.

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