दिल तो बच्चा है जी!!!!!
दिल को सहारा चाहिए मन को किनारा!! दिल सहारे में डूब मुस्कराता है मन किनारे के लिए जाल बिछाता है! दिल की दुनिया अपनी होती है मन की तो ठोक-ठाक के बसाई जाती है ! दिल जानता भी नहीं क्या अच्छा है क्या बुरा मन हर बार तौलता है क्या और कितना भला ! दिल का तार धरकन से जुड़ा मन तो मस्तिस्क के उलझन में पड़ा ! दिल में खोये तो........ आप किसी के और आपका कोई हो गया मन में खोये तो औरो का क्या.... आप ही अपने ना हुए ! दिल जब भी धड़का तो दुआए निकली है .. जो अक्सर दूसरो से ही जुड़ी है मन जब भी दौड़ा तो तमन्नाये निकलती है ..... जो अक्सर अपने सुख से जुड़ी होती है ! दिल का सब गवा ...उफ़ ना किया मन का गया तो उसमे घाव बन गया ! हे प्रिये मैंने तुझे दिल से और तुने मुझे मन से जोड़ा इसलिए तू मुझसे दूर हो कर भी है मुझ में ही छुपा ! और मेरे दिल के तरानों...
pyar k liye char pal kam nahi the
जवाब देंहटाएंkabhi tum nahi the kabhi hum nahi the
विनिता जी नमस्कार! लाजबाव पोस्ट लिखी हैँ आपने। बधाई! -: VISIT MY BLOG :- गमोँ की झलक से जो डर जाते हैँ।..........गजल को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप इस लिँक पर क्लिक कर सकती हैँ।
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