“मनोविकारक युग”
ऐसा लग रहा है देश कशी का घाट बना हुआ है कही कोई जन्म की बधाई लेके गंगा स्नान करने आया है तो कही कोई पिता अपने सफल से असफल हुए पुत्र के मृत्यु को अग्नि देने आया है. कही कोई विवाहित / विवाहिता अपने जीवन के नई शुरुआत का आचल भने आया है तो कही कोई अपने साथी के अलग होने के वियोग में कुछ उतारें और छोड़ने आया है सब एक साथ – सुख-दुःख, जहा अद्भुत है वही वीभत्स भी है जहा उत्साह है तो वही है निराशा चरम पे है इतना सब एक साथ घटित हो रहा है की समझ में नहीं आरहा उल्लास मनाये या क्रंदन करे. निश्चय ही कुल मिलाकर बहुत ही “ मनोविकारक युग” चल रहा है. #Hima Das# Unnav #Chandrayan # Nirav Modi #Beti Bachao Beti Padao #Jivanu, Jaipur #Startup # failures #entrepreneur #CDD
pyar k liye char pal kam nahi the
जवाब देंहटाएंkabhi tum nahi the kabhi hum nahi the
विनिता जी नमस्कार! लाजबाव पोस्ट लिखी हैँ आपने। बधाई! -: VISIT MY BLOG :- गमोँ की झलक से जो डर जाते हैँ।..........गजल को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप इस लिँक पर क्लिक कर सकती हैँ।
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