नई सुबह

कल शाम में पता चला की अभी फिर से एक लड़ाई शुरू हो गयी है, मेरे अपने आप की .  एक से थोड़ा रहत मिलता है तो दूसरा शुरू हो जाता है. क्यों ना हो! मैंने जो ७ वर्ष आपने जीवन को अपने इमोशन के साथ  जिया. जो अच्छा लगा वही किया. दिल से जिया कोई चालाकी नहीं की. जब चालाकी नहीं की तो आगे चल कर लड़ना तो पड़ेगा  ही.
क्यों की अभी भी चालाकी नहीं सीखी. ऐसा नहीं है कि मेरे आस पास ऐसे लोग नहीं है . रोज एक नये चालाक और  एक नई चालाकी से परिचित होती हू , पर ये  है की मेरे बुद्धि को समझ ही नहीं आता.
अब बड़ी उलझन है अब इस  दुनिया में जहा हर चीज सोच समझ के की जाती है,   वही  मै काम को तो दिमाक से सोचती हू पर करती बड़े दिल से हू. अब यही शायद गड़बर हो जाती है क्यों की दिमाक वाले लोगो को दिल की समझ तो होगी नहीं, क्यों की दिल की चीज प्यार भी दिमाक से ही वो करते है,  तो सारा का सारा अगर गुड़-गोबर नहीं होगा तो क्या होगा. मै आपना माथा नहीं फोदुंगी तो क्या करुँगी.
अब जब मै ही जो इमोशन की दुहाई देने वाली कहू कि अरे मेरे इमोशन ने मुझे हर वक्त एक  नई चीज सीखने को दे  देता है जो मुझे अक्सर रास नहीं आती तो फिर गलत ही होगा.
अगर सच  कहू तो सच्ची यार रास नहीं आता, पर अब जब मैने इमोशन का झंडा गाड ही दिया है तो फिर फीछे हटाना क्यों?
हा तो बात शुरू हुई थी एक नई लड़ाई से जो कल शाम में पता चली,  क्यों कि कल ही पता चला कि दिमाक वालो कि गली में अगर दिल से जियेंगी तो लड़ाई तो करनी ही पड़ेगी अब ये बनारस कि तो गली है नहीं, ये दिल्ली है देश कि राजधानी, महानगर है जहा हर आदमी दिमाक वाला है पर बिल्ला लगता है दिल का, अब यही हो जाता है धोखा. फिर तो लड़ाई लड़नी ही पड़ेगी.
पर इसमे भी मजा है क्यों कि आपके जीवन में रोमांच बना रहता है और फिर जीवन में हर पल आपको कुछ नया सीखने को मिलाता है जिससे ताजगी भी बनी रहती है.
पर याद रखिये कि दिल के साथ कभी आप बेईमानी मत करिएगा नहीं तो फिर आप कि लड़ाई वही ख़त्म और आपके खत्म होने खतरा ज्यादा बढ जायेगा.
हमेशा याद रखिये कि लोगो के अनुसार तो आप हारे हुए इंसान है तो लोगो से हराने का डर कैसा!!!!!!!
पर अपने आप से कभी मत हार मानिये.

टिप्पणियाँ

  1. विनीता जी देने वाले ने दिल और दिमाक दोनों दिया है इसलिए की इंसान समय और लोगों के हिसाब से दोनों का इस्तमाल करे यदि आप प्रोफेसनल जीवन में दिल का और निजी जीवन में दिमाक का इस्तमाल करेंगी तो आप को नुकसान उठाना ही पड़ेगा | जिवन सिर्फ इमोसन से नहीं चलता ये बात हमें बनाने वाले को भी पता थी इसलिए उसने भी दिमाक पहले रखा और दिल उसके बाद ताकि आप पहले दिमाक का इस्तमाल करे | हर किसी का अपना जीने का तरीका होता है हम किसी को गलत नहीं कह सकते पर यदि उसे उस तरीके से कोई नुकसान हो रहा है तो उसका जिम्मेदार वो खुद है क्योकि पत्थर पर सर मारने पर सर ही फूटेगा पत्थर को अपने काम में लेन के लिए हथौड़े का इस्तमाल करते है क्या आप कांच और पत्थर से एक जैसे व्यवहार कर सकती है उसी तरह इंसानों के साथ भी अलग अलग तरीके से पेश आया जाता है जो जिस तरह का हो उसके साथ वैसे ही डील किया जाता है यदि आप रोज रोज की इस लड़ाई से बचाना चाहती है तो मेरी बात पर गौर करे | जीवन में इमोसनल होना और किसी के लिए इमोसन रखना बुरी बात नहीं है पर वो हर किसी के लिये और हर समय नहीं होना चाहिए |

    जवाब देंहटाएं
  2. विनीता बहन,
    मेरी प्रतिक्रिया कड़वी हो सकती है किंतु आपकी मार्गदर्शक भी साबित होगी... आपके ब्लॉग में विचारों की स्पष्टता तो है, लेकिन अभिव्यक्ति की स्पष्टता आवश्यक है... लिखते रहिये... एक बात और, टाइप करने के बाद पढकर अवश्य देखें, कई त्रुटियों में सुधार हो जाता है...
    हमारी शुभकामनाएँ...
    http://samvedanakeswar.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  3. "दिमाक वाले लोगो को दिल की समझ तो होगी नहीं.. जब चालाकी नहीं की तो आगे चल कर लड़ना तो पड़ेगा ही.... "दिमाक वालो कि गली में अगर दिल से जियेंगी तो लड़ाई तो करनी ही पड़ेगी..
    जहा हर आदमी दिमाक वाला है पर बिल्ला लगता है दिल का"

    वक्त की इंसानी सोच को आइना दिखाता आलेख - हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
    बहुत कठिन है "अपने आप से कभी मत हार मानिये" लेकिन सोच कि दिशा यही है.

    जवाब देंहटाएं
  4. आपके ब्लॉग पर आकर कुछ तसल्ली हुई.ठीक लिखते हो. सफ़र जारी रखें.पूरी तबीयत के
    साथ लिखते रहें.टिप्पणियों का इन्तजार नहीं करें.वे आयेगी तो अच्छा है.नहीं भी
    आये तो क्या.हमारा लिखा कभी तो रंग लाएगा. वैसे भी साहित्य अपने मन की खुशी के
    लिए भी होता रहा है.
    चलता हु.फिर आउंगा.और ब्लोगों का भी सफ़र करके अपनी राय देते रहेंगे तो लोग
    आपको भी पढ़ते रहेंगे.
    सादर,

    माणिक
    आकाशवाणी ,स्पिक मैके और अध्यापन से सीधा जुड़ाव साथ ही कई गैर सरकारी मंचों से
    अनौपचारिक जुड़ाव
    http://apnimaati.blogspot.com


    अपने ब्लॉग / वेबसाइट का मुफ्त में पंजीकरण हेतु यहाँ सफ़र करिएगा.
    www.apnimaati.feedcluster.com

    जवाब देंहटाएं
  5. Emotional Quotient is most valuable in life, at least u r living such rare values

    जवाब देंहटाएं
  6. samvedan viheen jeevan to pashuon kaa bhi nahin hota, hum to manushya hain ! atah, aapkaa blog sabka hai ! swaagat !

    जवाब देंहटाएं
  7. इमोशन का झंडा गाड
    ही दिया है तो फिर
    फीछे हटाना क्यों?

    जवाब देंहटाएं
  8. "जब चालाकी नहीं की तो आगे चल कर लड़ना तो पड़ेगा ही .. दिमाक वालो कि गली में अगर दिल से जियेंगी तो लड़ाई तो करनी ही पड़ेगी..अपने आप से कभी मत हार मानिये" - दिल की मानेंगे तो नुकसान हो सकता है गलती नहीं - सच्ची सोच और अच्छा आलेख

    जवाब देंहटाएं
  9. अच्छी सार्थक मानवीय पहल के लिए साधुवाद.

    जवाब देंहटाएं
  10. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

    जवाब देंहटाएं
  11. हंस कर जी कर सुमन बन ,
    सपने कर आबाद .
    इस सुमन का मोल क्या,
    मुरझाने के बाद,

    जवाब देंहटाएं
  12. चलो तुमें यह जल्दी ही पता चल गया...हमें तो उम्र के पैंतीसवें में यह पता चल पाया था....तब तक तो हम ढेर सारे धोखे खाकर भी कुछ समझ नहीं पाए थे....खैर समझने के लिए और ब्लॉग-लेखन दोनों के लिए हमारी बधाईयाँ स्वीकारो....और लेखन में अपनी गलतियां भी सुधारो....

    जवाब देंहटाएं
  13. Bahut khub. Chaliye hamare alawa aur bhi koi hai jo dil ki sunta hai.

    जवाब देंहटाएं
  14. दिमाक नहीं, दिमाग होता है। और विनीता जी आपके लेख में वर्तनी की अशुद्धियां हैं इनको बुरा न मानते हुए ठीक करें। आपका स्‍वागत‍ है।

    जवाब देंहटाएं
  15. hamare desh ki badi pareshani he ki hum "rigid " juada he.aur ye rigidness hamesha hame pichhe dhakelti hai gart me le jati hai.
    It is not the thing of just heart and mind but flexibality always takes us ahead.aur janha tak romanch ka sawal he to aap thoda ye bhi add kijiye ki ,ek hi jagah shell se khade hone me romanch nahi aata..romanch ke liye bhi kabhi pahad to kabhi nadi to kabhi jangalo se gujarna padta he aur jangal se nikal kar jindagi me romanch dhundhna ho to khud ko har dam badlna padta he.( achha likhti ho).

    जवाब देंहटाएं
  16. इश्क जो हुआ है तो सर कलम हुआ ही समझो,
    यूँ भी सर के बल चलने की आदत मुझ में नहीं...

    जवाब देंहटाएं
  17. ब्लाग जगत में आपका स्वागत है!!!आपके सफल लेखन हेतु मेरी शुभकामनायें!!

    जवाब देंहटाएं
  18. Achchhaa aur prabhavashalee lekh---par imoshan---dil ---dimag ---sabhee men balance to banaanaa hee padega----yahee to jindagee hai----shubhakamnayen.

    जवाब देंहटाएं
  19. इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  20. agar koi side chale to tedha chalne wala dhoka kkha jata hai. aap ruki train men hon aur bagal ki railgadi chale lage to lagega ki aap ki train hi chuti hai?

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

“मनोविकारक युग”

ये ज़िन्दगी गले लगा जा ......

कमिटमेंट जीवन के साथ