मै बहू ही नहीं बेटी भी हू !
कल एक बार फिर जिंदगी रोई और इंसानियत का तार तार हो गया . मन में आया कि ऐसा क्या करू कि आगे ऐसी खबर ना सुनने को मिले!! गाँव से खबर आयी कि एक बहू ने आपनी जिंदगी को रस्सी के हवाले कर दिया!! घटना से आहात होने पर पता चला कि वो चार वर्ष से अपने वैवाहिक जीवन में मात्र मजबूरियों और समझौतों को जी रही थी. क्यों कि उसका पति निहायत सीधा ( लोगो के अनुसार ) था और आर्थिक रूप से असक्षम था. जिसके कारण वो अपने बड़े भाई और भाभी के दुर्व्यवहार से आपनी पत्नी को बचा न सका! इस बात की खबर पूरे गाँव वोलो को थी. क्यों किउसके मृत्यु पश्चात उसके अच्छे होने और उसके उपर होने वाले जुल्मो की हजार कहानिया आनी शुरू हो गयी. ऐसा क्यों होता है कि कोई अपनी जिंदगी खत्म कर लेता है तो लोगो में उसके प्रति संवेदना जगती है. उसके जीवित् रहते क्यों नहीं ? आखिर क्या कारण है कि भारत में लड़किया आज भी घुटन भरी और लाचार जिंदगी जीने को मजबूर है ( भारत ...