सावन की महक
बदली आई रिमझिम के संग , मेघ गरजे बिजली के संग , आम की डारी झूमे बौरो के संग , गेहू की बाली झूमे हरियाली के संग , बरखा आयी है प्रियतम के संग, प्रिय गए थे परदेश चुनरी आयी है उनके संग../
ये ब्लॉग उन लोगो के लिए है जो इमोशन में विश्वाश रखते है.